आज डॉ. पुनीत धवन की वजह से हूँ जीवित
नमस्कार, मेरा अनूप सोनी है और मैं बनारस, उत्तर प्रदेश का रहने वाला हूँ। मैं बीते कई सालों से हाई ब्लड प्रेशर की समस्या से जूझ रहा था, जिसकी वजह से मेरी किडनी दो साल पहले खराब हो गई थी। किडनी के खराब हो जाने की वजह से मुझे बहुत सी शारीरिक समस्याओं का सामना करना पड़ा था, जिनसे छुटकारा पाना बहुत ज्यादा मुश्किल था। शुरुआत में मैंने भी सभी की तरह एलोपैथीक उपचार लेना शुरू किया था जिसमे डॉक्टर मुझे बस डायलिसिस करवाने के लिए कहते रहते थे, लेकिन इससे मुझे कोई फायदा नहीं मिला उल्टा मेरी हालत इसकी वजह से बहुत ही खराब हो चुकी थी। पर जब मैंने डॉ. पुनीत धवन से आयुर्वेदिक उपचार लेना शुरू किया तब कहीं जाकर मेरी किडनी खराब हुई किडनी ठीक हो सकी और इसी की वजह से मेरी जान भी बच पाई।
मैं बीते कई सालों से हाई ब्लड प्रेशर कि समस्या से जूझ रहा था जिसके लिए मैं दवाएं खाता था। शुरुआत में तो मैंने अपनी डाइट में काफी बदलाव किये लेकिन बाद मे मैंने डाइट में किये सारे बदलाव करने बंद कर दिए और केवल दवाओं के भरोसे से ही ब्लड प्रेशर को कण्ट्रोल में रखने लगा। ज्यादा दवाएं लेने की वजह से डॉक्टर मुझे हमेशा कम दवाएं लेने के लिए कहते थे, उनका कहना था कि मुझे दवाओं की बजाय अपने खाने में बदलाव करने की कोशिश करनी चाहिए, ताकि मेरा ब्लड प्रेशर बिना दवाओं के भी काबू में रहें। पर मैंने डॉक्टर की इस सलाह पर कोई खास ध्यान नहीं दिया। वहीं दूसरी तरफ अब बढ़ती उम्र के साथ मेरा ब्लड प्रेशर अक्सर बढ़ा हुआ ही रहता था, जिसकी मुझे आदत लग चुकी थी। मुझे लगता था कि दवाएं लेने से मेरा ब्लड प्रेशर काबू में रहेगा, लेकिन मुझे इस बारे में कोई जानकारी नहीं थी इनसे मेरी किडनी भी खराब हो रही है। जब मेरी किडनी खराब हुई तब तक मुझे दवाएं लेते हुए कई साल बीत चुके थे और इतने सालों में मैं इतनी ज्यादा दवाएं ले चूका था कि मेरी किडनी काफी ज्यादा खराब हो चुकी थी।
डॉक्टर द्वारा मेरी किडनी खराब होने की पुष्टि होने के करीब महिना भर पहले मेरी तबियत अचानक खराब रहने लग गई थी जो कि मेरी किडनी खराब होने का पहला इशारा था।किडनी खराब होने की खबर पक्की होने के कुछ हफ़्तों पहले मुझे पेशाब से जुड़ी समस्याएँ होने लगी थी जो कि पहले मुझे कभी नहीं हुई थी, इसी वजह से मैंने इस ओर कोई खास ध्यान भी नहीं दिया था। क्योंकि मुझे लगा कि ये समस्याएँ ऐसे ही हो रही है और अपने आप ठीक हो जायगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ और पेशाब की समस्याएँ लगातार बढ़ती गई। मुझे सबसे पहले पेशाब की जो समस्या हुई थी वो जलन था, एक दिन मैंने महसूस किया कि मुझे पेशाब करते हुए जलन हो रही है, जिस पर मैंने ध्यान नहीं दिया।इसके कुछ दिनों बाद मुझे पेशाब करते हुए ज्यादा जोर लगाना पड़ने लगा और पेशाब का रंग बदलने लगा, इतना ही नहीं पेशाब से बदबू भी आने लग गई। मैं पेशाब की समस्या की समस्या से छुटकारा पाता उससे पहले मैंने देखा की मेरे पैरों में और चेहरे पर काफी सूजन आई हुई है। पैरों में आई हुई सूजन की वजह से मुझे चलने में परेशानी होने लग गई, जिसके बारे में जब मैंने डॉक्टर से बात की तो उन्होंने मुझे कुछ दवाएं दे दी और मालिश करने की सलाह दी, पर इससे मुझे कोई आराम नहीं मिला।
इन दिनों मेरा ब्लड प्रेशर भी पहले के मुकाबले काफी हाई रहने लग गया था जिसकी वजह से मुझे दिन भर चक्कर आते रहते थे और खाना खाने का बिलकुल भी दिल नहीं करता था। मैं अपने ब्लड प्रेशर को कण्ट्रोल करने के लिए दवाएं ले रहा था पर उनसे भी मुझे कोई आराम नहीं मिल रहा था। बढ़े हुए ब्लड प्रेशर की वजह से अब मुझे दिन भर उल्टियाँ आने लगी थी जिसको देखते हुए घर वालों ने मुझे एक बड़े अस्पताल में एडमिट करवा दिया। अस्पताल में डॉक्टर ने मेरी जाँच करने के बाद मुझे जल्द से जल्द कई टेस्ट करवाने के लिए कहा। मैंने उनकी बात मानते हुए उसी दिन सभी टेस्ट करवाए और रिपोर्ट्स आते ही उन्हें डॉक्टर को दिखाया। मेरी रिपोर्ट्स देखने के बाद डॉक्टर ने मुझे बताया कि हाई ब्लड प्रेशर और ज्यादा दवाएं लेने की वजह से मेरी किडनी खराब हो चुकी है इसलिए मुझे ये सभी समस्याएँ हो रही है। डॉक्टर ने मुझसे आगे कहा कि अब मुझे ठीक होने के लिए जल्द से जल्द डायलिसिस शुरू करवाना होगा, नहीं तो मेरी हालत और भी ज्यादा खराब हो सकती है।मैंने डॉक्टर की बातों पर विश्वास करते हुए अगले दिन से ही डायलिसिस करवाना शुरू कर दिया। जब मेरा पहली बार डायलिसिस हुआ तो मुझे उससे काफी ज्यादा तकलीफ हुई, क्योंकि मुझे इस बारे में कोई जानकारी नहीं थी कि डायलिसिस की वजह से मुझे दर्द का सामना भी करना होगा।
लेकिन मेरे सामने दूसरा कोई चारा नहीं था जिसके चलते मैंने आगे इसको चालू रखा और अगले करीब चार महीने से भी ज्यादा समय तक हर हफ्ते दो बार डायलिसिस करवाना जारी रखा। इस दौरान मेरी हालत पहले से भी ज्यादा खराब हो चुकी थी, मैं खुद से अपने बिस्तर से भी नहीं उठ सकता था। मेरी हालत को देखते हुए डॉक्टर मुझे जल्द से जल्द किडनी ट्रांसप्लांट करवाने के लिए कहता था। पर जब मैंने मुझे इसमें आने वाले खर्च के बारे में जानकारी मिली तो मैंने इसके लिए तुरंत ही इंकार दिया, क्योंकि मुझे नहीं लगता था कि मैं बच पाउँगा तो इतना खर्च क्यों करना। लेकिन वो कहते हैं न डूबते को तिनके का सहारा मिलना, उस दौरान मेरे साथ भी यही हुआ। एक दिन जब मैं अपने घर में आराम कर रहा था तो मेरे एक पडोसी मुझसे मिलने आए और उन्होंने मुझे एक बार आयुर्वेदिक उपचार लेने की सलाह दी। उन्होंने मुझे बताया कि दिल्ली में कर्मा आयुर्वेदा नाम से एक हॉस्पिटल है जहाँ बिना डायलिसिस के ही खराब हुई किडनी को ठीक किया जाता है और मुझे एक बार तो यहाँ पर जाना चाहिए क्या पता मुझे आराम मिल जाए। मुझे लगा कि एक बार तो यहाँ जाना चाहिए क्या पता आराम मिल जाए। बस फिर क्या था मैं कुछ ही दिनों में सोनीपत से दिल्ली के कर्मा आयुर्वेदा हॉस्पिटल पहुंचा जहाँ मेरी मुलाकात डॉ. पुनीत धवन से हुई जो कि हॉस्पिटल के निदेशक भी है।
मैंने उनको अपनी सभी रिपोर्ट्स दिखाई जिन्हें देखने के बाद उन्होंने मुझसे कहा कि अब मुझे अगर ठीक होना है तो खाने पीने का खास ख्याल रखना होगा और समय से आयुर्वेदिक दवाएं लेनी होगी और इसके साथ ही मुझे योग भी रोजाना ही करना होगा।मैंने घर जाते ही ठीक होने की उम्मीद में डॉ. पुनीत धवन की सभी बात मानते हुए दवाएं लेनी शुरू कर दी और उनका दिया हुआ डाइट प्लान भी फॉलो करना शुरू कर दिया। आयुर्वेदिक दवाएं लेने से मुझे कुछ ही महीनों में अपने अंदर काफी सुधार नज़र आने लगे। इन समस्याओं में सबसे पहले मेरी पेशाब से जुड़ी समस्याएँ खत्म होने लगी और साथ ही अब मुझे भूख भी ठीक से लगने लगी थी, जिसकी वजह से मुझे काफी अच्छा लग रहा था। आयुर्वेदिक दवाएं लेने से मेरा ब्लड प्रेशर भी काबू में आने लगा था जिसके कारण मुझे उल्टियाँ आनी बंद हो चुकी थी। सबसे बड़ी बात ये थी कि अब मुझे महीने भर में ही दर्दनाक डायलिसिस से भी छुटकारा मिल गया जिससे मैं काफी ज्यादा खुश था और मैं कुछ ही महीनों में मेरी खराब हुई किडनी एक दम ठीक हो गई, जिसकी मैं उम्मीद भी छोड़ चूका था। आज मैं केवल डॉ. पुनीत धवन और उनकी दी हुई आयुर्वेदिक दवाओं की वजह से ठीक हूँ, नहीं तो डायलिसिस के भरोसे रहता तो मैं ना जाने कब का मर चूका होता।
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